सरकारी खरीदी में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए बनाया गया GeM पोर्टल (Government e-Marketplace) अब खुद सवालों के घेरे में है। जिस मंच का मक़सद था “बिचौलियों को हटाकर सरकारी विभागों को बाज़ार दर पर सामान उपलब्ध कराना” — वही मंच अब घोटालों और साठगांठ का नया ज़रिया बन गया है। हमारी पड़ताल में ऐसे कई दस्तावेज़, बयान और साक्ष्य सामने आए हैं जो यह साबित करते हैं कि GeM पोर्टल पर “सिस्टम की खामियों” का फ़ायदा उठाकर करोड़ों रुपए की खरीद में हेराफेरी की जा रही है।
तकनीकी साजिश: ‘प्रीफिक्स’ से खेला जा रहा करोड़ों का खेल-
GeM पोर्टल के जानकार सामाजिक कार्यकर्ता ललित चन्द्रनाहू का कहना है कि पोर्टल की तकनीकी प्रक्रिया को तोड़-मरोड़कर घोटाले को “सिस्टम के भीतर से” अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया “विक्रेता अपने प्रोडक्ट के नाम के आगे एक नकली प्रीफिक्स (Prefix) जोड़ देता है। खरीदी अधिकारी को वही नाम सर्च करने को कहा जाता है। चूंकि वो यूनिक नाम सिर्फ उसी विक्रेता के पास होता है, बाकी असली और सस्ते विकल्प सर्च में आते ही नहीं। नतीजा — महंगा सामान अपने आप ‘L-1’ घोषित हो जाता है।”
ट्रैक सूट का तमाशा: 1,500 का माल 2,499 में
खेल विभाग की खरीदी प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। खिलाड़ियों के लिए खरीदे गए 4,900 ट्रैक सूट का मामला अब चर्चा में है। जांच में सामने आया कि 10 कंपनियों ने टेंडर भरा, जिनमें एडिडास जैसी प्रतिष्ठित कंपनी तकनीकी बिड में ही बाहर कर दी गई। बाकी 5 कंपनियां सभी शिव नरेश स्पोर्ट्स ब्रांड से जुड़ी निकलीं। आख़िरकार सौदा हुआ ₹2,499 प्रति यूनिट पर, जबकि यही सूट कंपनी की वेबसाइट पर ₹1,539 में बिक रहा था। नियमों के मुताबिक 30 दिन का टेंडर ज़रूरी था, लेकिन विभाग ने सिर्फ 11 दिन में प्रक्रिया पूरी कर दी — वो भी बिना शासन की अनुमति के।
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150 रुपए की चप्पल 1,350 में — और 699 का बैग 1,500 में
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधीन ठाकुर प्यारेलाल इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट, निमोरा द्वारा की गई खरीदी में भी भारी गड़बड़ी के प्रमाण मिले हैं।
दस्तावेज़ों के अनुसार —
₹150 की चप्पल ₹1,350 में खरीदी गई।
₹699 का कॉलेज बैग ₹1,500 में लिया गया।
₹1,250 का ट्रैक सूट ₹4,000 में खरीदा गया।
₹293 की वाटर बॉटल ₹1,165 में खरीदी गई।
कुल खरीदी का खर्च लगभग ₹1.35 करोड़ तक पहुंचा।
कांग्रेस का आरोप: “GeM पोर्टल बन गया है भ्रष्टाचार का अड्डा”
कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा — “भाजपा सरकार आने के बाद से GeM पोर्टल भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। यहाँ 200 रुपये का जग 32 हज़ार में, 1 लाख का टीवी 10 लाख में और 1500 रुपये का ट्रैक सूट ढाई हज़ार में खरीदा जा रहा है।”
मुख्यमंत्री की चेतावनी: ‘अब होगी सख़्त कार्रवाई’
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में आगे बढ़ने के लिए “विभागीय तालमेल और टीम भावना” से काम करें।
सवाल बाक़ी हैं, जवाब ग़ायब
यह जांच-पड़ताल रिपोर्ट प्रदेश के विभिन्न समाचार माध्यमों में प्रकाशित ख़बरों, सरकारी दस्तावेज़ों, पोर्टल के रिकॉर्ड और संबंधित विभागीय स्रोतों से प्राप्त तथ्यों के आधार पर तैयार की गई है।
इस रिपोर्ट का उद्देश्य किसी व्यक्ति या संस्था को आरोपित करना नहीं, बल्कि जनता के धन और शासन प्रणाली से जुड़े सवालों को तथ्यों के साथ सामने लाना है।


